Rajani katare

Add To collaction

मोबाइल का मायाजाल। भाग --7




लेखनी वार्षिक प्रतियोगिता
दिनांक- 7/3/22
विषय- मोबाइल का मायाजाल
शीर्षक- मोबाईल का फ़लसफ़ा

              "मोबाइल का फ़लसफ़ा"

आज की स्थिति में सबसे अधिक चर्चा का विषय-
मोबाइल का मायाजाल कहें या फिर मोबाइल का
चस्का!! एक तरह का व्यसन ही तो है.....
नशा कोई भी हो अच्छा तो नहीं होता....
अति हर चीज़ की खराब होती है.....

पहले शुरु में जब मोबाइल आया तब हम बात कर
सकते थे और सुन सकते थे.....
पर अब तो मोबाइल में इतने फीचर हैं जो कई
तो पता ही नहीं चलते.....
और ऊपर से टच स्क्रीन जब से आई!! सो ऊंगली टच न भी करो, ऊपर ही हो तब भी कुछ चाहो
कुछ आ जाता है.....

दुनिया की हर खबर, हर जानकारी मोबाइल में
पता कर लो.....
मोबाइल न हुआ अलादीन का चिराग हो गया
जो पता करना है हाजिर जबाव!!
दीन दुनिया की खबर रखता है मोबाइल जनाब!!
राह भटक गये... कोई बात नहीं मोबाइल है न
राह बताने को......

लाॅक डाउन में तो ओर जलवे हो गये मोबाइल के,
आप घर में रहो एक काॅल पर सामान आपके द्वार
पर हाजिर आप किराना मंगाए या कुछ और....
बिजली बिल भरना, बैंक के काम करना जो भी
काम हो मोबाइल हाजिर.....
समस्त काम मोबाइल और ऊँगलियों में सीमित होकर रह गये......

रिश्ते नाते तक ऊंँगलियों में सिमट कर रह गये,
मोबाइल से बात कर लो.....
अब तो ये कि वीडियो काल करके आमने सामने देख कर बात कर लो.....
सैकिंड में मीलों की दूरियां पास हो जाती हैं.....
घर बैठे आमने सामने बात करो.....

जिसको देखो मोबाइल का दीवाना है.....
छोटे से बच्चे को मोबाइल पकड़ा दो तो रोते से
तुरंत चुप हो जाएगा......
आपको कुछ काम करना है बच्चे को मोबाइल पकड़ा दिया......
लाक डाउन में तो बच्चों के स्कूल भी मोबाइल
में आनलाइन शुरु हो गये.....
कितना गिनाएं ओर क्या क्या...?

फाएदे हैं तो नुकसान होना भी लाजमी है.....
सबसे पहले तो सभी की सेहत पर बुरा असर.....
न चलना फिरना कहीं एक जगह बैठे रहना.....
सारे काम तो मोबाइल कर रहा है.....
सेहत खराब, आँखे भी खराब.....
अब लगाते फिरो डाक्टरों के चक्कर.....

गीत संगीत तो चलो कुछ हद तक ठीक भी है....
पर गेम!! बच्चे और युवा वर्ग को ऐसा चस्का
लगता है खाना पीना, खेलना कूदना, पढ़ना लिखना
सब धरा रह जाता है, सेहत तो बिगड़ना ही है....
ओर शिक्षा का अलग नुकसान हो रहा है.....
क्यों कि ज्यादातर समय वाटसप, गाने, गेम्स
आदि में चला जाता है......
बच्चे और युवा वर्ग अपने रीति रिवाजों, अपनी
संस्कृति से भी दूर होते जा रहे हैं.....

बैंक के सारे काम मोबाइल के जरिए ही हो रहे हैं,
सो फाएदे तो हैं पर नुकसान भी हैं, कार्ड के नं. चोरी हो जाते हैं, एकाउंट हैक कर लिए जाते हैं,
मतलब कहने का यह कि जहांँ फायदे हैं तो नुकसान भी हैं... मोबाइल वरदान से कम नहीं है पर अभिशाप भी है....।

   लेख- रजनी कटारे
      जबलपुर म.प्र.

   6
2 Comments

Swati chourasia

08-Mar-2022 08:03 PM

Very nice 👌

Reply

Punam verma

08-Mar-2022 08:03 PM

Bilkool sahai kaha mam aapne

Reply